नि भाषा उन्नति अहै सब उन्नति कौ मूलI
बिनु नि भाषा ्ञान के मिटै ना हिय को सूलI
इस भाव को आत्मसात करते हुए हमार मातृभाषा हिंद' को चौदह सितंबर उन्नस सौ उन्चास को राभाषा के रूप में मान्यता देकर इसे गौरवमय पद पर आसन किया गया। इस उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष प्रूडेंस विद्यालय में हिंद दिवस' का आयोन किया ाता रहा है।
हमारे विद्यालय के हिंद विभाग में इस दिवस को एक त्योहार का स्वरुप देने के लिए बहुत उत्साह था। अध्यापिका गण ने छात्रों के साथ मिलकर एक विशेष प्रातः सभा का आयोन किया िसमें कक्षा १ से ३ तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया और संदर्भ- बुद्धिमत्ता पर आधारित कहानियों और कविताओं क कुछ झलकियाँ प्रस्तुत क । कक्षा १ के छात्रों ने हाँ एक ओर पहेलियों पर आधारित गत से समां बाँधा तो वहं दूसर ओर एक चालाक बिल्ल और समझदार चूहों क कहान के द्वारा कक्षा २ के बच्चों ने अपन प्रतिभा का लोहा मनवा लिया। कक्षा ३ के छात्र भ कहाँ पछे रहने वाले थे। उनक नृत्य प्रतिभा के भ उपस्थित न कायल हो गए।
अपने नन्हें बच्चों का उत्साह और उनके मुख से हिंद भाषा के अनोखे शब्द ैसे- कतार, अभिनंदन, परिचय, समाचार पत्र, इत्यादि सुनकर हम सबका मन भ प्रफुल्लित हो उठाI इतना ह नहं कक्षा में ाने के बाद बच्चों में आ सुने गए नए शब्दों को इस्तेमाल करने क होड़ देखकर भ मन गर्व और आनंद से भर गया। हम सभ के लिए आ का ये अनुभव बहुत ख़ास था।